Tuesday, January 1, 2013

No celebration needs in new year Ready to Protest


                      नये वर्ष पर जश्न नही , संघर्ष जरूरी है।
 सूझवान और बहादुर साथियों एवं उनके परिवारो
 शहीद भगत सिंह विचार मंच नये साल के मौके पर आप सबको जाग्रत ओर चेतन करना चाहता है कि संघर्ष के लिए तैयार रहें। जब हम आपको चेतन कर रहे हैं तो हमारा मकसद आपको उस  "गडरिया  बालक" कि तरह डराना  है कि शेर आया ,शेर आया और ही हम ग्रह नक्षत्र देखकर भविष्य बताने वाले कोई ज्योतिषी हैं।हमारे पास आपको चौकस करने के अनेक कारण है।
                       पिछले दिनों अखबारों की कटिंग व् चिट्ठियों को रेल डिब्बा कारखाना में चिपका कर मेहनती कर्मचारियों को गहरी नींद सुलाने की कोशिश की गई थी कि R.C.F को PPP बनाने या निजीकरण करने की अटकलों पर अंकुश लग गया है क्योंकि रेल मंत्री ने ऐसा आश्वासन दिया है  परन्तु हमें भलि भांति पता है कि यह समय सोने का नही बल्कि जागरूक व् चेतन रहने  का है। क्योंकि :
1.भारत सरकार,संसार भर में छाई "आर्थिक मंदी" के बावजूद भी अपनी उदारीकरण की  नीतियों पर बेशर्मी से अड़ी हुई है।
2.प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई में केंद्र सरकार कथित  आर्थिक सुधारों के लिए कठोर फैंसले लेने के लिए लगातार चेतावनियाँ दे रही हैं।
3.कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार खुदरा बाज़ार में सीधे विदेशी निवेश (FDI) को संसद में (धक्के से) पास करवाकर और भी हमलों केलिए त्यारी कर रही है
4.बात अगर रेलवे की ही करें तो, सरकार व् रेलवे बोर्ड अपने मनसूबे "विजन 2020" में पहले ही साफ़ कर चुका है कि 2013 तक रेलवे की "मैन पावर" 13 लाख से घटाकर 7 लाख करनी है व् 2020 तक पूरी भारतीय रेलवे का अस्तित्व ही ख़त्म कर देना है।
              नये बने रेल मंत्री, पवन कुमार बंसल का बयान कि "रेल कोच फेक्टरी, कपूरथला का PPP या निजीकरण नही होगा।"से अगले ही दिन आया उनका बयान कि "पूरी भारतीय रेल को 2015 तक PPP करना भारत सरकार का लक्ष्य है" को हमें गम्भीरता से लेना चाहिए।
                                  मतलब यह है कि दूर दूर तक पब्लिक क्षेत्र व् मेहनती लोगों का भविष्य सुरक्षित नजर नही आता। ऐसे समय में गहरी नींद में सोना भविष्य के साथ खिलवाड़  साबित हो  सकता है। निर्णायक लड़ाई  के समय जागते रहना बहुत जरूरी होता है। उस समय जब सरकारें लोगों की बात सुनने से कन्नी कतराएँ तब हमें संघर्ष की भाषा सुनाने के लिए तैयार रहना चाहिए।

                                                      : शहीद भगत सिंह विचार मंच , रेल कोच फैक्ट्री,कपूरथला